वैदिक कुंडली में बनने वाले योग (Yoga in Vaidik Grid Part 1)

Part 1

NUMEROLOGY

वैदिक कुंडली में बहुत से योग बनते है आगे पढ़ते है कि ये कौन कौन से योग है। 2 अंकों के योग (Two Digit Yog) जब दो खाने (box) में साथ-साथ अंक आ जाए इसे अंक योग (Number Conjunction) कहते है।

अंकों के योग (Three Digit Yog), त्रिकोण योग (Triangle Yog) और चार अंकों के योग (Four Digit Yog) भी बनते है।

वैदिक कुंडली में जो योग बनते है अगर वो जन्म से ही हो तब ही ये योग माना जाएगा और दशा-अंतर्दशा में अच्छे परिणाम प्राप्त होते है। इनमें से जो भी अंक कुंडली में 1 या 2 बार आये वो अच्छे है। 4 और 8 अंक दो बार आये तो बढ़िया है या जब भी दशा और अंतर्दशा आये तब अच्छे फल मिलते है। अगर अंक दो से ज़्यादा बार दशा या अंतर्दशा से आये तब परिणाम तो अच्छे मिलते है मगर थोड़ी बहुत कठिनाई भी आती है। परिणाम पाने के लिए मेहनत ज्यादा करनी पड़ती है। 7 अंक को देखेंगे कि पुरुष अंक (Male Number) (1,3,9 और 4) और स्त्री अंक (Female Number) (2,6,8 और 7) जो भी अंक कुंडली में ज्यादा हो वैसा ही असर करेगा। क्योंकि 7 जिस अंक के साथ होता है वैसा ही बर्ताव (Behave) करता है। व्यक्ति अच्छे कर्म करें तो परिणाम अच्छे मिलते है।

Note:- जिस अंक पर X है वो अंक वैदिक ग्रिड में नहीं होना चाहिए तभी योग बनेंगे। जो बाकी के अंक कुंडली (Grid) में आये उनकी भी भविष्यवाणी (Prediction) होगी।



राज योग (Raj Yog)

सूर्य + चंद्रमा (Sun+Moon)

वैदिक कुंडली में यदि 1 और 2 आये तो ये राज योग बनाता है।सूर्य और चंद्रमा के सारे पॉजिटिव गुण मिल जाते है। व्यक्ति ऊँचाईयों को छूता है। ऐसे व्यक्ति अपने परिवार का नाम रोशन करते है।

ये जन्मतिथि में आने वाले अंक जन्म तिथि में 1 और 2 ग्रिड में आये मगर मूलांक (Basic Number) 3 न हो तब ये राज योग बनाता है। अगर जन्म किसी भी मास (Month) की 12 या 21 तारीख को हुआ हो तो इनका योग 3 हो जाता है जिससे राज योग भंग हो जाता है। 1 और 2 जन्मतिथि में एक या दो से ज्यादा बार ना आये। पुनरावृत्ति (Repeat) होने से फायदा तो होता है मगर उतना नहीं होता जो होना चाहिए। ग्रिड में 1 और 2 आने से ऐसे व्यक्ति बहुत ऊँचाई तक जाते है। जिस परिवार में उनका जन्म हो उससे बहुत ज़्यादा ऐश्वर्य मिलता हैं।


अति विलासितापूर्ण योग (Ultra Luxurious Yog)

बुध+शुक्र+केतु (Mercury+Venus+Ketu)

वैदिक कुंडली में 6, 7 और 5 आये तो इसे अति विलासितापूर्ण योग बनता है। 5 बुध जो बुद्धि को दर्शाता है। सरल व्यक्तित्व (Simple Personality), उच्च शिक्षा (Higher Education), रचनात्मक (Creative) बनाता है। 6 शुक्र का अंक है जो व्यक्ति को सुख साधन सुर ऐश्वर्य देता है। 7 जो केतु को दर्शाता हैं जो व्यक्ति को किसी भी काम को सफल करने के लिए लगन, ज्ञान और शोध करने की योग्यता देता है। इन तीनों के संयोग से व्यक्ति को बड़ा घर, पारिवारिक सुख, विलासितापूर्ण जीवन और अति संपन्नता मिलती है। बहुत ऐश्वर्य और सम्मान मिलता है। अगर किसी के परिवार में इस योग वाले बच्चे का जन्म होता हैं तब उस परिवार में भी सुख-समृद्धि आती है। उस बच्चे के भाग्य से परिवार की उन्नति होती है।


बुध आदित्य योग (Budh Aaditye Yog)

सूर्य+बुध (Sun+ Mercury)

वैदिक कुंडली में अगर 1 और 5 आये तो बुध आदित्य योग बनता है। यह योग व्यक्ति को सूर्य का तेज और उत्साह देता है। बुध जो सृजनात्मक (Creativity) और उच्च शिक्षा (Higher Education) देता है। बुध आदित्य योग से भाग्य उदय होता है।ऐसे लोग जन्म से ही भाग्यशाली होते है। इस से भाग्य उन्नति, संपन्नता और ऐश्वर्य सब कुछ मिलता है। बहुत तेज दिमाग, कौशलपूर्ण, कलात्मक रुचि वाले और साहसपूर्ण होते है।


प्रसिद्धि और ऐश्वर्य राज योग (Fame and Luxury Raj Yog)

सूर्य+बुध+शुक्र+शनि)

(Sun+Mercury+Venus+Saturn)

वैदिक कुंडली में 1-6-5-8 आये तो ये बहुत अच्छा राज योग बनता है। इस योग में सूर्य के सारे पॉजिटिव जैसे कार्य स्थान और समाज में उच्च स्थान, सम्मान देता है। बुध से शिक्षा, तेज दिमाग और सारे सकारात्मक गुण मिलते है। शुक्र आपको सुंदरता, संपन्नता, पारिवारिक सुख देता है। शनि जो कर्मो का फल देते है वह इस योग को अच्छे कर्मो से राजसुख देते है। ये योग नाम, प्रसिद्धि, ऐश्वर्य, साहस और बुद्धिमता (Name, Fame, Luxury, Courage and Intelligence) को दर्शाता है। इस योग से देश और विदेश (Abroad) में भी नाम और शौहरत मिलती है। ऐसे लोग दशा और अंतर्दशा में और आगे बढ़ते है।


सरल धन योग (Easy Money Yog)

बुध+केतु (Mercury + Ketu)

वैदिक कुंडली में 7 और 5 से सरल धन योग बनता है। ये योग तभी बनता है जब आपकी ग्रिड में 6 न आये। इस योग से पैसा भाग्य से मिलता है। जब भी पैसे की जरूरत हो आपके पास पैसे की व्यवस्था (Arrangement) हो जाती है। बुध व्यक्ति को वाणी , पढ़ाई -लिखाई और शिक्षा में अव्वल बनाता है। लोगो को इनका काम पसंद आता है। इन लोगों के दोस्त जल्दी बन जाते है।

5 और 7 दो से ज्यादा बार आये तब परिणाम तो आयेंगे मगर उस स्तर के नहीं होंगे जैसे होने चाहिये।


ध्वज कीर्ति योग (Dhawaj Kirti Yog)

सूर्य + केतु (Sun+Ketu)

वैदिक कुंडली में 1 और 7 होने से सूर्य और केतु के सकारात्मक गुण मिलते है। इस योग में 8 नहीं होना चाहिए तभी ये योग बनता है। सूर्य और केतु का योग ध्वज कीर्ति योग कहलाता है। सूर्य से तेज, उत्साह, सफलता और साहस मिलता है। इस योग से राजनीति में सफलता और सरकारी नौकरी भी मिलती है। 7 केतु व्यक्ति को संयमशील, आध्यात्मिक और लगन से काम करने की क्षमता देता है। अगर अंकों पुनरावृत्ति हो तो परिणाम मिलने में मुश्किल होगी। इसके लिए उपाय करने होगे।


सूर्य+गुरु योग (Sun+Jupiter Yog)

वैदिक कुंडली में 1 और 3 हो तो सूर्य और गुरु का सम्मान योग बनता है। ये योग शुभ माना जाता है। ये लोग उच्च पद पर होते है। गुणवान, सहृदय, समझदार, ज्ञानी, आदर्शवादी और विश्वसनीय होते है। इनको समाज से सम्मान मिलता है। हर क्षेत्र में सफल होते है। धन-ऐश्वर्य मिलता है। ये लोग अपनी बात दूसरों के सामने रखते है तो लोग इनको सुनते है और इनकी बात मानते भी हैं। इनसे सलाह लेने भी आते है। ग्रिड में अन्य अंकों को भी देख कर बाकी की भविष्यवाणी की जाएगी।


सूर्य+मंगल योग (Sun+Mars Yog)

वैदिक कुंडली में 1 और 9 आये तो इससे सूर्य और मंगल का योग बनता है। इससे सूर्य और मंगल दोनों ही तेजवान, महत्वाकांक्षी और यशस्वी बनाते है। सूर्य यश, मान-सम्मान, सफलता और उत्साह देता है। मंगल भी साहस, उत्तेजना और नेतृत्व करने की क्षमता देता है। इस योग से व्यक्ति डॉक्टर, इंजीनियर या उच्च पद पर हो सकते है। इसमें ग्रिड के अन्य नंबर भी देखने होंगे अगर फिर भविष्यवाणी की जाएगी।


गुरु+शुक्र योग (Jupiter+Venus Yog)

वैदिक कुंडली में 3 और 6 होने से यें दो गुरु के ज्ञान काई योग बन

जाता है। इसमें ग्रिड में अंक 2 नहीं होना चाहिए। बृहस्पति देव देवताओं के गुरु है और शुक्र देव दानवों के गुरु है। ये दोनों ही महान गुरु है जिनके पास ज्ञान और बुद्धि का भंडार है। ये उच्च शिक्षा, ऐश्वर्य, पारिवारिक सुख, समाज में अच्छा स्थान होता है। ऐसे लोग अपने परिवार से बहुत प्यार करते है। अगर लड़कियों की ग्रिड में यें योग बने तो वह शादी नहीं करना चाहती या शादी देर से होती है। मगर जब शादी हो जाती है तब शादी के बाद उनका भाग्य उदय होता है। अगर 3 और 6 में से कोई अंक ग्रिड में दो से ज्यादा बार आये तो परिणाम तो मिलेंगे पर उस स्तर के नहीं मिलेंगे जो मिलने चाहिए। तब अच्छे परिणाम के लिए कुछ उपाय करने होंगे।


शुक्र+चंद्रमा योग (Venus+Moon Yog)

वैदिक कुंडली में 2 और 6 का योग विलासितापूर्ण योग है। ग्रिड में 3 नहीं हो तब ये योग बनता है। चंद्रमा व्यक्ति को सुंदर, आकर्षक संगीत प्रेमी, कलात्मक और सृजनात्मक बनाता है। शुक्र प्यार, परिवार के सुख, सुख-संपन्नता को दर्शाता है। शुक्र और चंद्रमा के सकारात्मक होने के कारण पारिवारिक सुख- सुविधाएँ, मानसिक शांति और ऐशोआराम मिलता है। अंकों की पुनरावृत्ति होने से परिणाम भी बदल जाते है। तब कुछ उपाय करने चाहिए।


आगे हम वैदिक कुंडली में बनने वाले अन्य योग भी पढ़ेंगे।


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