वैदिक कुंडली के योग (Yog in Vaidik Grid)भाग-दो (Part-Two)

Part 2

NUMEROLOGY

शुक्र+केतु योग (Venus+Ketu Yog)

वैदिक कुंडली में 6 और 7 आये और 5 नहीं हो तब शुक्र और

केतु का योग बनता है। अगर 6 और 7 एक बार आये तो इनके सारे गुण सकारात्मक होते है। प्रेम विवाह को भी दर्शाता है। दशा-अंतर्दशा से यदि दो या ज्यादा बार 6-7 आने से वैवाहिक संबंधों में परेशानी आती है या धन-ऐश्वर्य में कमी आती है। बोलचाल की भाषा भी ठीक नहीं रहती। कुंडली में बाकी के अंकों को देख भी भविष्यवाणी की जाएगी। उपाय हम सारी वैदिक कुंडली बनाने के बाद ही करेंगे।

गुरु+मंगल योग (Jupiter+Mars Yog)

वैदिक कुंडली में 3 और 9 आने से गुरु और मंगल का योग बनता है। ये ज्ञान, साहस और मानवता को दिखाते है। ऐसे लोग अच्छे ज्योतिषी, सैनिक, पुलिस, वकील, खिलाड़ी, और डॉक्टर भी बनते है। अगर किसी स्त्री की जन्मतिथि में भी ये नंबर हो तब भी उसमें पुरुषों की तरह नेतृत्व करने की क्षमता होती है। दशा-अंतर्दशा से नंबर दो से ज्यादा बार आये तो उपाय करने से सुधार होता है।इन लोगों को तीर्थस्थल पर जाने से शांति मिलती है। कुंडली में बाकी के अंक देख कर भविष्यवाणी करनी चाहिए।

मंगल+बुध योग (Mars+Mercury Yog)

वैदिक कुंडली में 9 और 5 आने से मंगल और बुध का योग बनता है। यह बुद्धि, धन और साहस का योग बनता है। ये लोग बहुत तेज दिमाग और बहुत समझदार होते है। दो से अधिक बार होने से उपाय करने चाहिए। 9 और 5 की पुनरावृत्ति होने पर इन लोगों के साथ पैसों के मामले में धोखा भी हो सकता है इसलिए इनको बहुत संभल कर पैसों का लेन-देन करे। स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए। पुनरावृत्ति (Repeat) होने पर मंत्र जाप करना चाहिए और दान देना चाहिए।

बुध+राहु योग (Mercury+Rahu Yog)

वैदिक कुंडली में 5 और 4 होने से बुध और राहु का बंधन योग बन जाता है। 4 अंक वाले वैज्ञानिक, डॉक्टर या राजनीतिज्ञ भी हो सकते है। अंक 4 वाले लोग क्रोधी स्वभाव और जिद्दी भी हो जाते है। अंक 5 वाले बुद्धिमान, तर्कसंगत और समझदार होते है। अगर 4 और 5 एक साथ आए तो सेहत में और धन संबंधी परेशानी आ सकती है। अगर 4 सम संख्या जैसे 44 या 4444 हो तो ये परेशानी नहीं आएगी। डॉक्टर, वकील हो और अगर कोर्ट (Court), हस्पताल (Hospital) या फार्मेसी ( Pharmacy) में काम करते है तो ये योग काम नहीं करेगा। अगर किसी की कुंडली देखनी हो तो पहले उनका काम पूछ लीजिए। दशा या अंतर्दशा में सप्ताह में एक बार हॉस्पिटल या कोर्ट की कैंटीन से कुछ भी खरीद कर खा सकते है या वहाँ से पानी या जूस लेना चाहिए। 40 दिन तक रसोई में ही एक समय का खाना खाये।

मंगल+राहु योग (Mars+Rahu Yog)

वैदिक कुंडली में 9 और 4 आने से मंगल और राहु का बंधन योग बनता है। अगर कोई डॉक्टर, सर्जन, नर्स, वकील और जज है या हॉस्पिटल या कोर्ट में कोई भी काम करते है जिससे आपका वहाँ आना-जाना लगा रहता है तो ये योग काम नहीं करेगा। आप ऐसा कोई काम नहीं करते तब दशा या अंतर्दशा से परिवार में सेहत या अन्य परेशानियाँ आये तब 40 दिन तक रसोई घर में बैठ कर एक समय भोजन करना चाहिए। सप्ताह में एक बार हॉस्पिटल या कोर्ट की कैंटीन से भी कुछ भी खरीद कर खा सकते है।

केतु+शनि योग (Ketu+Saturn Yog)

वैदिक कुंडली में 7 और 8 आने से केतु और शनि का योग बनता है। अगर 8 सम संख्या में जैसे 88 जन्म से हो तो अच्छा है। 7 अंक वाले लोग धार्मिक और आध्यात्मिक हो जाये तो इनको शांति मिलती है। इनमें अंतर्ज्ञान होता है। ज्योतिष और अंक ज्योतिष विद्या के लिये अच्छा है। 88 धन-संपत्ति के लिये अच्छा है। दशा या अंतर्दशा में धन लाभ, किसी सरकारी काम से लाभ, अच्छी आर्थिक स्थिति हो सकती है। पिता-पुत्र के संबंधों में सामंजस्य रखना चाहिए। अपनी सेहत-स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिये। अंक 1 के उपाय कर सकते है ताकि वो जागृत (Activate) हो जाये।

सूर्य+शनि योग (Sun+Saturn Yog)

वैदिक कुंडली में 1 और 8 आने से सूर्य और शनि का योग बनता है। सूर्यदेव पिता, सरकार, तेज को दर्शाता है। शनि देव सूर्य के पुत्र है। उनकी आपस में बनती नहीं। इस योग के आने से पिता पुत्र के संबंध अच्छे नहीं रहते। उनके विचार नहीं मिलते। सरकारी कामों में और व्यापार में दशा-अंर्तदशा में परेशानी आ सकती है। स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। अगर अच्छे परिणाम ना मिल रहे हो तो अंक 7 को जागृत (Activate) करना चाहिए।

राहु+शनि योग (Rahu+Saturn Yog)

वैदिक कुंडली में 4 और 8 आने से राहु और शनि का योग बनता है। 44 और 88 अगर जन्म से हो तो धन और संपत्ति का योग बन जाता है। दशा और अंतर्दशा आने से भी अगर 44 और 88 हो सम संख्या में आ जाये तो फायदा होता है। अगर 4, 8, 444 और 888 आ रहा हो तो सेहत का ध्यान रखे। पिता और

पुत्र में वैचारिक मतभेद होता है। आमदनी कम खर्चे ज्यादा हो सकते है। हनुमान चालीसा का पाठ पढ़े या सुने। सफाई कर्मचारी को चाय या चायपत्ती का दान दे।

चंद्र+राहु योग (Moon+Rahu Yog)

वैदिक अंक कुंडली में 2 और 4 आने से चन्द्र और राहु का योग बन जाता है। 2 अंक भावनात्मक, कल्पनाशील और रचनात्मक बनाता है। ये लोग अतिसंवेदनशील होते है। अंक 4 वाले मेहनती, ऊर्जावान होते है। दोनों के मिलने से योजना बनाकर कार्य करने से अच्छे परिणाम मिलते है। दशा-अंतर्दशा आने से कभी कभी अनजान डर, ईर्ष्या, वहम होने लगते है। कभी कभी बिना सोचे समझे काम करने से काम बिगड़ जाते है। पारिवारिक संबंध भी बिगड़ जाते है। इसके लिए राहु के उपाय करने होंगे।

सूर्य+राहु योग (Sun+Rahu Yog)

वैदिक कुंडली में 1 और 4 आये तो सूर्य और राहु का योग बनता है।अंक 1 सूर्य का होता है जो व्यक्ति को महत्वाकांक्षी, ऊर्जावान और व्यावहारिक बनाता है। 4 अंक सम संख्या 44 में आये तो व्यक्ति अपनी मेहनत और बुद्धिमता से बहुत धन-संपदा कमाता है। अगर व्यक्ति अपना कर्म सही तरीके से करे तो दोनों अंक बहुत

अच्छा फल देते है। दशा अंतर्दशा में बढ़िया परिणाम मिल सकते है। अगर ना मिले तो राहु के उपाय करना चाहिए। बाक़ी के अंक की भविष्यवाणी भी करेंगे।

वैदिक कुंडली के शेष योग हम आगे पढ़ेंगे।