What is Numerology?
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अंक शास्त्र (Numerology)
ये संसार अंकों की शक्ति पर ही आधारित है।
अंकों का प्रयोग हम हमारे जीवन में सदा से ही करते आए है । जब भी इस दुनिया में हम जन्म लेते है उसी दिन से अंकों के साथ जुड़ जाते है। कौन सी तिथि में जन्म लिया और कितने बजे जन्म लिया। फिर जन्मदिन, साल सबको अंकों से ही देखा जाता है। सूर्य एक और चंद्रमा एक है तारे अनगिनत है। यहाँ 12 राशियाँ और 9 ग्रह हैं। नक्षत्र 27 है। पृथ्वी से सब ग्रहों की दूरी भी अंकों में है। दैनिक इस्तेमाल में आने वाली वस्तुए भी नापने या तोलने में और रुपये-पैसे की गणना में भी अंकों का प्रयोग होता है। जीवन का कोई भी पहलू अंकों के साथ किसी न किसी तरह जुड़ा ही हुआ है। अंक ही सब जगह समाए है। अंक हमारे जीवन पर हर समय अपना प्रभाव बनाये रखते है । अंक विद्या के बारे में हम सबने पढ़ा या सुना है। अंक शास्त्र भी बहुत व्याप्त है। इसे अंक विज्ञान भी कहा जाता हैं। अंक विज्ञान देश और विदेश में अलग अलग नाम से और प्रकार से जाना जाता है जैसे चाइनीज अंक विज्ञान को Chaldean Numerology भी कहते है, जो कि तत्व विज्ञान पर आधारित अंक विज्ञान (Element Base Numerology) है और उसमें लोशो ग्रिड (Losho Grid) के अनुसार अंकों के बारे में जाना जाता है। पश्चिम देशों से आए अंक शास्त्र को (Pythagorean Numerology) कहा जाता है। कबाला (Kabbalah) भी यहूदी अंक विज्ञान है।
हम यहाँ वैदिक अंक शास्त्र के बारे में ज्ञान प्राप्त करेंगे। इसे वैदिक अंक ज्योतिष भी कहते हैं। इससे आप ज्योतिष से जल्दी किसी भी व्यक्ति के बारे में उसका चरित्र (Character), व्यक्तित्व (Personality), स्वभाव (Nature) और भविष्य (Future) का पता चला सकते है। इससे आपको बिना ज्योतिष के ज्ञान के भी किसी के भी बारे में जल्दी और ज़्यादा स्टीक जानकारी प्राप्त होती है। जिस तरह से ज्योतिष में ग्रह मिलकर अलग-अलग योग बनते है वैसे ही वैदिक अंक ज्योतिष में वैदिक ग्रिड में अंकों के आधार पर ग्रहों का अध्ययन करेंगे । अगर आपकी ग्रिड (ग्रिड) में 837 नंबर आते है तो ये आपको (Occult Science) गुप्त रहस्यमय विद्या के ज्ञान की तरफ ले जाती है।
जो नंबर हमारी जन्मतिथि में नंबर भाग्यांक (Basic number) और मूलांक (Destiny number) से आते है
हम पहले सिर्फ़ नंबर के बारे में जानेंगे फिर जन्मतिथि (Date of Birth) के बारे में बात करेंगे।
और भी बहुत कुछ जो जानने योग्य है ।
अंको क्या बताते हैं? ये संक्षेप में अंक शास्त्र का परिचय है :-
अंक 1 सूर्य का अंक होता है। ये लोग अनुशासन प्रिय, जन्मजात लीडर, साहसी, निडर होते है।
अंक 2 चंद्रमा का अंक होता है ये लोग बहुत भावुक, संवेदनशील और अंतर्ज्ञानी, शांत स्वभाव के होते है ।
अंक 3 बृहस्पति का अंक होता है ये लोग बहुत ज्ञानी और अधिक ज्ञान पाने की चाह रखते है। धार्मिक भाव और कलात्मक रुचि होती है।
अंक 4 को राहु का अंक माना जाता है।ये लोग बहुत मेहनती, बुद्धिमान और तार्किक होते है।
अंक 5 बुध का अंक है ये लोग बुद्धिमान, मधुर वाणी और घूमने फिरने के शौक़ीन होते है।
अंक 6 शुक्र का अंक है ये लोग सुंदर, सुघड़ और पारिवारिक होते है।
अंक 7 को केतु का माना जाता हैं। ये लोग बहुत आध्यात्मिक ज्ञान, रिसर्च और संवेदनशील भी होते है।
अंक 8 को शनि का अंक माना है। ये लोग तार्किक, मेहनती, शांत स्वभाव और भौतिक वस्तुओ की चाह रखते है।
अंक 9 का मंगल का अंक है। ये लोग धार्मिक, मानवतावादी और परोपकारी होते है।
अंक ज्योतिष में अंक क्या दर्शाते है?
किसी भी grid (ग्रिड) में एक अंक के एक बार और अनेक बार दोहरने से क्या अंतर होता है?
अंक ज्योतिष में कितने प्रकार के योग बनते है?
कौन- कौन से अंक राज योग बनाते है?
आपके मित्र अंक (friendly number) कौन से है?
किसी की भी जन्मतिथि से उसका फल कैसे देखा जाता है?
आगे हम सभी अंकों के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे।