वैदिक कुंडली के योग (Yog in Vaidik Grid)भाग-तीन (Part-Three)

Part 3

NUMEROLOGY

सूर्य+केतु+शनि का योग (Sun+Ketu+Saturn)

वैदिक कुंडली में 1,7 और 8 हो तो व्यक्ति को अंतर्ज्ञान (Sixth Sense) होता है। सूर्य, केतु और शनि मिलकर व्यक्ति को बुद्धिमान, मजबूत इच्छाशक्ति, सक्रिय, आदर्शवादी, धन-आय भौतिक सुख देते है। ये आध्यात्मिक प्रवृत्ति के हो तो बहुत अच्छा है। इससे इनका मन शांत रहता है। ये लोग जो बोलते है वह सच हो जाता है इसलिए इन्हें कभी भी किसी को बुरा नहीं बोलना चाहिए क्योंकि वह सच हो जाता है। गुप्त विज्ञान (Occult Science) और आध्यात्म विज्ञान में रुचि और ज्ञान होना उनके लिए अच्छा रहता है। उसमें ये अच्छी उन्नति करते है। दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहता है मगर इनको मदद कम मिलती है। इसलिए इनको आध्यात्मिक होना चाहिए ये इनके स्वयं के लिए उपाय भी है।

चंद्र+राहु+शनि का योग (Moon+Rahu+Saturn)
वैदिक कुंडली में 2,4 और 8 आने से चंद्र, राहु और शनि का योग बन जाता है। इससे व्यक्ति विचारशील, मेहनती, साहसी और जिम्मेदार होता है। ऐसे लोग ज्यादातर अपने जन्म स्थान से दूर रह कर काम करते है। कड़ी मेहनत के बाद इनको सफलता मिलती है। जिंदगी में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। इनको अपने भावों पर काबू रखना चाहिए क्योंकि ग़ुस्से में क्या बोल रहे हैं इन्हें पता नहीं चलता। ड्राइविंग (Driving) इनको ध्यान से करनी चाहिए। अंक 2 की दो से ज्यादा बार पुनरावृत्ति होने से कभी कभी परेशानी आती है तब योगा या ध्यान (Meditation) इनको आराम पहुँचता है और ध्यान करने की आदत बनानी चाहिए। राहु के उपाय करते रहना चाहिए। उपाय भी हम आगे पढ़ेंगे। बाकी की ग्रिड के अंक देख कर भविष्यवाणी करनी होगी।

मंगल+ बुध+राहु (Mars+Mercury+Rahu)

वैदिक कुंडली में 9,5 और 4 का योग हो तो व्यक्ति मंगल, बुध और राहु के गुण होते हैं। ऐसे लोग मजबूत, भरोसेमंद, ऊर्जावान, व्यवस्थित, मिलनसार, बुद्धिमान और परोपकारी भी होते है। डॉक्टर, सर्जन, एकाउंटेंट (Accountant), वकील और सेना (Army) में काम करे तो बहुत अच्छा है। अगर अंक दो से ज्यादाबार आये तो कोई भी फैसला (Decision) जल्दबाजी में नहीं लेना चाहिए। ये ज्यादा से ज्यादा सीखने (Multitasker) और समझने की कोशिश करते है सब कुछ करना चाहते है इसलिए ज्यादा काम अपने हाथ में ले लेते है और किसी में भी निपुण नहीं हो पाते। इन्हें संयम रखना चाहिए। सफलता पाने के लिए किसी एक काम में निपुण होना चाहिये।

सूर्य+गुरु+मंगल (Sun+Jupiter+Mars)

वैदिक कुंडली में 3,1 और 9 आए तब सूर्य, गुरु और मंगल का योग बनता है। ये बहुत प्रभावशाली योग माना जाता है। समाज में इन लोगों का प्रतिष्ठा और सम्मान होता है। बहुत अच्छे सलाहकार, उदार, मिलनसार, न्यायशील, वफादार और आत्मविश्वासी होते है। ज्यादा से ज्यादा ज्ञान पाने की चाह होती है। धार्मिक, अंतर्ज्ञानी, मजबूत इच्छाशक्ति और स्वतंत्र विचारधारा होती है। सारे पौरुष अंक होने के कारण क्रोध भी जल्दी आ जाता है। अगर अंक दशा या महादशा में अंक की पुनरावृत्ति होने से उत्तेजनापूर्ण व्यवहार बढ़ सकता है।

गुरु+केतु+राहु (Jupiter+Ketu+Rahu)

वैदिक अंक कुंडली में 3, 4 और 7 होने से गुरु, राहु और केतु का योग बनता है।गुरु ज्ञान और राहु केतु दिल और दिमाग से सोचने और समझने की शक्ति देता है। ये लोग संयमित, साहसी, आत्मविश्वासी, महत्वाकांक्षी, विचारशील और व्यवस्थित होते है। ये योग उच्च शिक्षा का है जबकि पढ़ाई में रुकावट भी आती है मगर सफलता मिलती है। ये योग घर से दूर, जन्म स्थान से दूर रह कर पढ़ाई और काम करवाता है। विदेश में जाकर पढ़ाई और काम के लिए बसने के अवसर भी प्राप्त होते है। जीवन में बहुत मेहनत के बाद सभी सुख-सुविधा और धन-संपत्ति प्राप्त होती है।

चंद्र+मंगल+केतु (Moon+Mars+Ketu)

वैदिक कुंडली में 2, 7 और 9 आने से चंद्र, मंगल और केतु का योग बनता है। ये लोग अपनी मेहनत से बड़े-बड़े लक्ष्य हासिल करते है। चंद्र संवेदनशील और भावनात्मक बनाता है। केतु अध्यात्म से जोड़ता है। ज्ञान, अध्ययन और रिसर्च (Research) देता है। मंगल आत्मविश्वास, उत्साही और हिम्मत देता है। ये योग जन्म स्थान से दूर रह कर काम करवाता है। हिम्मत और कर्मशील रहने से सब सुख मिलते है। कभी दशा या अंतर्दशा में जोड़ो का दर्द हो सकता है।

गुरु+शनि (Jupiter+Saturn)

वैदिक कुंडली में 3 और 8 आने से गुरु और शनि के गुण आते है तब धर्म-कर्म अधिपति योग बनता है। ये लोग दानवीर कर्ण जैसे होते है। ये लोग अच्छे सलाहकार, वकील, जज या ज्योतिष भी हो सकते है। जब ये लोग दूसरों की मदद करते है तब इनकी अपने जीवन की समस्या भी दूर होती है। कड़े परिश्रम के बाद ही इन्हें सफलता मिलती है। सफलता कुछ देर से मिले मगर मिलती जरुर है। पैसे को संभलना कहाँ खर्च करना है और कहाँ नहीं, ये इन्हें अच्छी तरह आता है। किसी को कर्म-धर्म या धन के बारे में सलाह चाहिए तो ये लोग बहुत अच्छी सलाह देते है।

सूर्य+शुक्र+केतु (Sun+Venus+Ketu)

वैदिक कुंडली में 1, 6 और 7 आने से सूर्य, शुक्र और केतु का योग बन जाता है। सूर्य और केतु के योग से ये लोग भाग्यशाली होते है। लोग व्यवस्थित, वफादार, आध्यात्मिक, ज्ञानी और अच्छे सलाहकार होते है। पारिवारिक और आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी होते है। इनके प्रेमविवाह के योग भी बन सकते है। इनके केतु की दशा में विदेश जाने के अवसर भी मिल सकते है। सुख साधन पाने की लिए अपने कैरियर में मेहनत और लगन से आगे बढ़ना चाहिए।

सूर्य+केतु+मंगल (Sun+Ketu+Mars)

वैदिक कुंडली में 1,7 और 9 और आने से सूर्य, केतु और मंगल का योग बनता है। ये लोग ईमानदार, उत्साह, बुद्धिमान और अंतर्ज्ञानी होते है। ये योग प्रसिद्धि दिलवाता है। मजबूत इच्छा शक्ति होती है। इनका भाग्य साथ देता है।मांगलिक भी हो सकते है। कभी कभी शादी के योग देर से बनते है। सरकारी नौकरी और विदेश यात्रा का योग बनता है। सब काम कड़ी मेहनत के बाद ही बनते है। हनुमान जी को मंगलवार को पान का भोग लगाना चाहिए। हनुमान चालीसा का पाठ पढ़े।

गुरु+मंगल+शनि (Jupiter+Mars+Saturn)

वैदिक कुंडली में 3, 8 और 9 के आने से गुरु, मंगल और शनि का योग बनता है। ये लोग मानवता, ज्ञानी, उच्च शिक्षित और समझदार होते है। अच्छे सलाहकार, साहसी, महत्वाकांक्षी और तर्कपूर्ण होते है। परिवार में भाई होते है तो कभी कभी भाइयों में मतभेद हों सकते है।परिवार मी तनाव रह सकता है। न्यायशील होते है इसलिए वकील और जज बनने के लिए अच्छे अंक है। शिक्षा में रुकावट आती है। कड़ी मेहनत के बाद ही सफलता मिलती है। ये लोग बहुत मेहनत करते है मगर उसका श्रेय किसी और को मिल जाता है। ये दूसरों की भलाई करने के लिए कभी कभी स्वयं भी कठिनाई में आ जाते है।

मंगल+शुक्र+राहु (Mars+Venus+Rahu)

वैदिक कुंडली में 6, 9 और 4 आने से मंगल, शुक्र और राहु का योग बनता है। इनकी इच्छाशक्ति बहुत मजबूत होती है। मंगल ताकत, हिम्मत और साहस का अंक है। शुक्र ऐश्वर्य और धन-संपदा को दर्शाता है। राहु तेज दिमाग, अनुशासित और क्रांतिकारी बनाता है। ऐसे लोग अपराध (Crime) से किसी न किसी तरह जुड़े हो सकते हैं। इसलिए ये लोग पुलिस (Police), सेना (Army), वकील (Lawyer) या जासूस (Detective) जैसे काम करे तो बहुत अच्छा है। अच्छे कामों में लगे तो बहुत बढ़िया है। ऐसे लोग मांगलिक भी हो सकते है।

वैदिक अंक कुंडली में जो भी योग बने हमें उन सब अंकों को देख कर भविष्यवाणी (Prediction) करनी होगी और दशा-अंतर्दशा से ही ज्यादा अनुमान लगाया जा सकता है। याद रखिए कि जो भी योग बने वह सारे जीवन में एक जैसी नहीं रहते। दशा-अंतर्दशा आने पर ज्यादा असर होगा। समय-समय पर बदलाव आते रहते है। महादशा-अंतर्दशा के बारे में हम आगे पढ़ेंगे।