वैदिक अंक ज्योतिष में कुंडली बनाना सीखें (Learn Grid in Vedic Numerology)
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वैदिक अंक कुंडली (Vaidik Grid)
वैदिक अंक कुंडली ऐसे बनाई जाती है :-
वैदिक ग्रिड में जो भी गुण आपके अंदर है, आपके रक्त (Blood) में ही है और आपको जन्म से ही विशेषताएं मिली है वो आपका मूलांक आपको बताता है। हमारा भाग्यांक हमें बताता है कि हम भविष्य में क्या बनेंगे और कौन सा काम करेंगे जिससे हमें सबसे अधिक सफलता मिलें।अपने भाग्यांक के हिसाब से अगर हम काम (Profession) चुनेंगे तो हमें बहुत सफलता मिलेगी।
वैदिक अंक कुंडली बनाने के लिए हमें क्या-क्या चाहिए?
वैदिक कुंडली बनाने के लिए हमें चाहिए :-
वैदिक कुंडली बनाने के नियम (Rules for making Vaidik Grid):-
जन्म तिथि (Date of Birth) (जिस तिथि पर जन्म हुआ)
मूलांक (Basic Number)
मास का अंक (Month Number)
भाग्यांक (Destiny Number)
नोट :-अंक ज्योतिष (Numerology) में सामान्य नियम (Thumb Rule) हैं कि आपको जन्मतिथि (Date of Birth) की संख्या के योग (Total) को एक संख्या (One Digit) पर ही लाना होता हैं
नोट:- जन्मतिथि और बेसिक नंबर एक संख्या (Single Digit) में हो तो ग्रिड में एक ही बार जाएगा। अगर जन्मतिथि में 11 से 31 तक कोई नम्बर आये तो 11 को भी और उसका योग 2 भी अंक कुंडली में लिखा जाएगा।
नोट:-महीने का नंबर (Month Number) को भी ग्रिड में लिखा जाएगा। 1-12 तक जिस महीने में भी जन्म हुआ।
नोट:-वैदिक ग्रिड में सदी के अंको (Century Number) को शामिल नहीं किया जाता इसलिए ही ये सबसे ज्यादा ठीक भविष्यवाणी (Prediction) बताती है।
जैसे कि उदाहरण (Example) के लिए:- 15-9-1970 इसमें 19 जो की सदी का नंबर है उसे वैदिक ग्रिड में शामिल नहीं किया जाएगा।अंगार किसी का जन्म 2005 में हुआ तो केवल 5 को ही वैदिक ग्रिड में शामिल किया जाएगा।
नोट:- वैदिक ग्रिड में जन्मतिथि में से 0 शून्य को शामिल नहीं किया जाता।
वैदिक ग्रिड में हमें मूलांक (Basic Number) चाहिए जो कि आपकी जन्मतिथि है।आप जिस भी तिथि को जन्में हैं उस तिथि को आपका बेसिक नंबर कहा जाता है। अगर आपका जन्म 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,20 और 30 तारीख को हुआ तो आपका बेसिक नंबर एक ही संख्या (One Digit) में आएगा और इसे एक ही बार ग्रिड में शामिल किया जाएगा। आप की जन्म तिथि 15 या 24 है तो 15 या 24 के साथ उसका योग 6 को भी वैदिक कुंडली में शामिल किया जाएगा।
वैदिक ग्रिड में हमारी पूरी जन्म तिथि का योग भी आता है जिसे भाग्यांक (Destiny Number) भी कहा जाता है। जैसे की आपकी जन्म तिथि 21-5-1976 है तो इसका योग 2+1+5+1+9+7+6=28 =10=1 तो भाग्यांक 1 होगा जिसे वैदिक ग्रिड में शामिल किया जाएगा।
उदाहरण (Example)
* प्रियंका चोपड़ा की जन्म तिथि :- जुलाई 18, 1982
18-7-1982 (1982 में से 19 को ग्रिड में नहीं लिखना)
मूलांक 18=1+8=9
मास (Month) 7
भाग्यांक 1+8+7+1+9+8+2=36=9
* जायरा वसीम की जन्मतिथि :- अक्टूबर 23, 2000
23-10-2000 (2000 सदी में से ग्रिड में कुछ नहीं लिखना क्योंकि 20 सदी का नंबर है और 0 ग्रिड में नहीं आएगा)
मूलांक 23=2+3= 5
मास (Month) 10=1+0=1
भाग्यांक 2+3+1+0+2+0+0+0=8
* अक्षय कुमार की जन्मतिथि :- सितंबर 9, 1967
9-9-1967 (1967 में से 19 को ग्रिड में नहीं लिखना)
मूलांक 9 ( मूलांक और जन्म संख्या एक संख्या
(Single Digit) में हो तो ग्रिड में एक ही बार आएगा)
मास (Month) 9
भाग्यांक 9+9+1+9+6+7=41=5
* विक्की कौशल :- मई 16, 1988
16-5-1988 (1988 में से 19 को ग्रिड में नही लिखना)
मूलांक 16=1+6=7
मास (Month) 5
भाग्यांक 1+6+5+1+9+8+8=38=11=2
वैदिक ग्रिड में 2,6,7 और 8 को स्त्री अंक (Female Number) माना जाता है। 2,6,8 और 7 हमें प्यार (Love), स्नेह (Affection), भावना (Emotion), देखभाल (केयर) और रचनात्मक (Creative) होना दिखाता है जो कि स्त्री के गुण (Female Quality) है। अगर किसी पुरुष (Male) में भी ये नंबर होंगे तो इसका मतलब है की ये लोग भावनात्मक ज्यादा, ज्यादा देखभाल करने वाले, नरम दिल (Soft Hearted) हो सकते है। इनमें से अंक 7 को स्त्री के गुण वाला पुरुष अंक (Masculine Female Number) माना जाता है।
वैदिक ग्रिड में 1,3,4,9 को पुरुष अंक (Male Number) माना जाता है। ये हमें अधिकार (Authority), नेतृत्व (Leadership), आत्मविश्वास (Confidence), क्रोध (Anger) और अहंकार (Ego) को दिखाता है। किसी महिला (Female) की ग्रिड में भी अगर 1,3,4,9 नंबर होगा तब इन में आत्मविश्वास ज्यादा होगा और वो सारे फैसले (Decision) भी लेती होगी। इनमें पुरुष की तरह नेतृत्व करने के गुण (Male Quality) ज्यादा होंगे।
अंक 5 को बुध ग्रह का माना जाता है जो सबसे छोटे बच्चे (Child) की तरह है इसलिए ग्रिड में जो नंबर अधिक होंगे इसका आचरण (Behave) वैसा ही माना जाता है। तो किसी की ग्रिड में कितने पुरुष अंक (Male Number) और कितने स्त्री अंक (Female number) है उसी को देख कर किसी व्यक्ति के बारे में भविष्यवाणी (Prediction) करेंगे।
रूपांतरित उम्र (Transformational Age)
जब उम्र 30 की हो जाये या किसी की शादी छोटी उम्र में हो जाए तब भी लड़का या लड़की दोनों की भाग्यांक (Destiny) के गुण की भविष्यवाणी ज्यादा होगी।क्योंकि मूलांक (Basic) आत्मा है जो जन्म से आपको गुण मिले है और भाग्यांक वह है जैसे आप काम करते हो और अपना भाग्य बनाते हो। अगर कोई व्यक्ति बिज़नेस भी 30 साल की उम्र से पहले शुरुआत कर लेते है तब भी भाग्य उदय हो जाता है अगर भाग्यांक के हिसाब से काम (Profession) करे तो बहुत अच्छा है।